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प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को उ0प्र0 में निवेश के लिए आमंत्रण

लखनऊ ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने देश के प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा में किया गया निवेश कभी व्यर्थ नहीं जाता। शिक्षा देश और समाज के भविष्य को संवारने का माध्यम है। उत्तर प्रदेश जैसी युवा आबादी वाले राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में अनन्त सम्भावनाएं हैं। निजी क्षेत्र को इसका लाभ उठाना चाहिए। असेवित जनपदों में विश्वविद्यालयों की स्थापना करने वाले संस्थानों को प्रदेश सरकार हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर दक्षिण भारत और मध्य भारत के प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों तथा देश के उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलपतियों, प्रतिकुलपतियों, निदेशकों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व अन्य प्रतिनिधियों से संवाद के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार विगत 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश के 5.5 करोड़ लोगों को गरीबी के दंश से मुक्त कराया गया है। प्रदेश में सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट-शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, रोजगार सृजन सहित हर आवश्यक क्षेत्र में कार्य किए गए हैं। परिणाम सभी के सामने हैं। उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के सहयोग से नए मानक स्थापित कर सकता है। प्रदेश सरकार सभी निवेशकों की सुरक्षा और उनका सम्मान सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की आध्यत्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। पुरातन काल से उत्तर प्रदेश, शिक्षा का प्रमुख केन्द्र रहा है। काशी इसका सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है। काशी, अयोध्या, मथुरा संस्कृति और सभ्यता के प्राचीन नगर रहे हैं। हालांकि बीते दशकों में शिक्षा के प्रति विमुखता का भाव देखा गया। किन्तु आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश व प्रदेश में शिक्षा के प्रति एक सकारात्मक भाव जागृत हुआ है। आज प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट और इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में मात्र 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज थे। विगत 06 वर्षों के प्रयास के बाद आज 45 जनपदों में सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जबकि 16 निर्माणाधीन हैं। पी0पी0पी0 मोड पर 16 और मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है।
आज प्रदेश में 22 राज्य विश्वविद्यालय व 03 केन्द्रीय विश्वविद्यालय संचालित हैं। 03 राज्य विश्वविद्यालय निर्माणाधीन हैं। 36 निजी विश्वविद्यालय, 02 एम्स, 02 आई0आई0टी0 व  आई0आई0एम0 संचालित हैं। 2000 से अधिक पॉलिटेक्निक व वोकेशनल इंस्टीट्यूट भी संचालित हैं। इनकी लम्बी श्रृंखला है, जो यहां के शैक्षिक परिदृश्य को मजबूत बनाते हैं। इसके बावजूद, अभी बहुत से जनपद ऐसे हैं, जहां कोई विश्वविद्यालय क्रियाशील नहीं है। स्थानीय युवाओं की आकांक्षाओं के दृष्टिगत राज्य सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहित करते हुए एक नई नीति लागू की, जिसके आशातीत परिणाम मिले हैं। अभी हाल में जनपद शाहजहांपुर, बागपत और चित्रकूट के शिक्षण संस्थानों ने अपनी रुचि दर्शायी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों की दिशा में प्रयासरत है। निजी क्षेत्र के अनेक शिक्षण संस्थानों ने उत्कृष्टता के मानक स्थापित किए हैं। उत्तर प्रदेश, इनके अनुभवों का लाभ प्रदेश के युवाओं को दिलाने के लिए तत्पर है। निजी क्षेत्र के लिए सम्भावनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए यह आश्चर्यजनक हो सकता है, लेकिन यह सत्य है कि आज प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में 1.91 करोड़ बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने आज एक कार्यक्रम के माध्यम से बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को ड्रेस, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी क्रय हेतु प्रति छात्र/छात्रा 1,200 रुपये की धनराशि उनके माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से अंतरित की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसी तरह, इस साल 56 लाख बच्चों ने यू0पी0 बोर्ड की परीक्षा दी। विद्यार्थियों के यह आंकड़े कई राज्यों की जनसंख्या से भी अधिक हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसी जनपद के स्वास्थ्य केन्द्र या शिक्षण संस्थान में जाएं, वहां उत्तर प्रदेश के साथ-साथ नेपाल, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तराखण्ड के लोग भी मिलेंगे। यह स्थिति बताती है कि निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के लिए उत्तर प्रदेश में अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में कोई विश्वविद्यालय स्थापित नहीं है, वहां अपने विश्वविद्यालय स्थापित करने वाले निवेशकों को राज्य सरकार अपनी नीति के अनुरूप हर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराएगी।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए।
संवाद कार्यक्रम में रमैया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन कर्नाटक, मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन हरियाणा, वी0आई0टी0 यूनिवर्सिटी वेल्लौर, सी0बी0 रमन ग्लोबल यूनिवर्सिटी ओडिशा, नित्ति डीम्ड यूनिवर्सिटी कर्नाटक, जे0आई0एस0 ग्रुप एजुकेशनल इनिशिएटिव पश्चिम बंगाल, एनेपोया डीम्ड यूनिवर्सिटी, एम0एन0आर0 यूनिवर्सिटी, गलगोटिया यूनिवर्सिटी, एलायंस यूनिवर्सिटी, के0एम0सी0टी0 ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, जेम्बोर एजुकेशनल प्रा0लि0, जे0आई0एम0एस0 ग्रुप, पूर्णिमा यूनिवर्सिटी, रमैया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, एम0एस0 रमैया यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लाइड साइंसेज, सवीथा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड टेक्निकल साइंसेज, ई0पी0एस0आई0 का प्रतिनिधित्व रहा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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