बालाकोट हवाई हमलों के मद्देनजर, सरकार ने उठाया ये महत्वपूर्ण कदम
June 9, 2019
नयी दिल्ली, बालाकोट हवाई हमलों के कई दिनों बाद सरकार ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस करने की प्रक्रिया तेज करने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ‘‘युद्ध नीति संबंधी’’ परियोजना के कार्यान्वयन को तेज करने का फैसला बालाकोट हवाई हमले और उसके बाद पाकिस्तानी प्रतिक्रिया के करीब छह सप्ताह बाद उठाया गया।
सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) इस परियोजना को लागू कर रही है। उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड को यह परियोजना शीघ्र लागू करने के लिए कहा गया है ताकि दिसंबर 2020 की निर्धारित समयसीमा से पहले इसे पूरा किया जा सके। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि गहन निगरानी वाली इस रणनीतिक परियोजना का मकसद भारतीय वायु सेना की युद्धक क्षमताओं को मजबूत करना है।
साल 2016 में सरकार ने 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों में दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल तैनात करने का फैसला किया था।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि, परियोजना पर असली काम 2017 के अंत तक शुरू हुआ, हालांकि इसका कार्यान्वयन काफी धीमा है। उन्होंने बताया कि बालाकोट हवाई हमलों और इसके बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई की पृष्ठभूमि में भारतीय वायु सेना को मजबूत करने के तरीकों की समीक्षा की गई तथा यह महसूस किया गया कि सुखोई विमानों को ब्रह्मोस से जल्द से जल्द लैस करना प्राथमिकता होनी चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि सरकार वायु सेना की युद्धक क्षमता को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है। एचएएल को खासतौर से ब्रह्मोस परियोजना में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त मानवश्रम और संसाधनों को लगाने के लिए कहा गया है।
एक बार जब यह परियोजना पूरी हो जाएगी तो वायु सेना की लंबी दूरी से समुद्र या जमीन में किसी भी लक्ष्य को भेदने की शक्ति कई गुना बढ़ने की संभावना है। 40 सुखोई विमानों के बेड़े को मिसाइलों से लैस करने के लिए, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में उनके संरचनात्मक संशोधन किए जा रहे हैं। ब्रह्मोस मिसाइल भारत के सुखोई-30 लड़ाकू विमान पर तैनात किया जाने वाला सबसे भारी हथियार है।