लोगों का यह शोर बता रहा, अखिलेश यादव का भविष्य किस ओर ?
April 18, 2018
लखनऊ, बड़ी घटनाओं के संकेत उनके घटने से पहले मिलने शुरू हो जातें हैं, शायद एेसा ही कुछ यूपी मे होने जा रहा है। यूपी मे सरकार योगी आदित्यनाथ की लेकिन लोग याद कर रहें है पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार को। सत्ता मे न रहने के बावजूद, लोगों को पूर्व मुख्यमंत्री से बड़ी उम्मीदें हैं। इसलिये वह अपनी समस्या बताने या अपना दुखड़ा अखिलेश यादव के सामने रोने से बिल्कुल भी संकोच नही करतें हैं। विपक्षी नेता के प्रति लोगों का इतना आकर्षण, आखिर एेसा क्यों?
अपना काम छोड़कर,गर्मी के माहौल में, अखिलेश यादव के नाम पर भारी भीड़ इकट्ठा हो जाती है इनमें स्त्री, पुरूष, बच्चे, बूढ़े, सभी शामिल होते हैं। जाति-धर्म का कहीं कोई भेद नहीं दिखाई देता है। यह हम नही कह रहें हैं, यह सब दिखायी दिया, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के 16 अप्रैल 2018 को लखनऊ से बहराइच और फिर वापसी की यात्रा में और इसके गवाह बने समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी।
बहराइच से 15 किलोमीटर बाद, घाघरा नदी पर बना चिल्हारी घाट पुल, यह पुल बहराइच और सीतापुर को जोड़ता है। इस पुल से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कई यादें जुड़ी हैं। पुल का निर्माण अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में शुरू हुआ था। लगाव इस कदर कि अपनी एक यात्रा के दौरान जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हेलीकाप्टर से पुल को टेंढ़ा बनते देखा तो पुल का एलाइनमेंट सही करवाया।
घाघरा नदी पुल पर मोनू मिश्रा की छप्पर नुमा एक दुकान है। यहीं राजकिशोर मिश्रा की चाय की दुकान भी है। मिश्रा बंधुओं की दुकान पर, अखिलेश यादव का स्वागत, खालिस दूध की चाय से हुआ। अखिलेश यादव के आने की खबर लगते ही थोड़ी देर मे जुट गई भीड़ अपने नेता को देखने और मिलने के लिये। चिल्हारी घाट पुल पर अखिलेश यादव के स्वागत में लोग बड़ी संख्या में आए। इन लोगों पर इस बात का कोई असर नही कि उनका नेता अब सत्ता मे नही बल्कि विपक्ष मे है।
एक महिला ने कहा कि आपका इंतजार है। जब आप दुबारा सरकार में आएंगे तो वही तीन लाख का आवास चाहिए, जो आपकी सरकार में मिल रहा था। कई बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि जबसे समाजवादी सरकार गई है उनकी समाजवादी पेंशन बंद हो गई है। अखिलेश यादव ने भी उनके स्नेह और उत्साह मे तनिक भी कमी नही आने दी, तुरंत भरोसा दिलाया कि माता जी, फिर सरकार बनने पर इस बार 500 नही दो हजार रूपया पेंशन प्रति माह दी जायेगी।
महेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने अखिलेश यादव का स्वागत किया। एक किसान ने कहा उसका 10 बीघा गन्ना खेत में खड़ा है अब वह आग लगाने के अलावा क्या करे? चीनी मिल वाले धांधली कर रहे हैं। लोगों ने कहा भाजपा सरकार ने एक यूनिट बिजली पैदा नही की है। एक भी विद्युत सबस्टेशन का निर्माण नहीं हुआ है। अभी गर्मी की शुरूआत है लेकिन बिजली की समय-बे-समय कटौती शुरू हो गई है।
समाजवादी पार्टी के स्थानीय विधायक नरेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में उपस्थित समर्थकों ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत किया। आए हुए लोगों में भारी संख्या में नौजवान और दुकानदार भी थे। महमूदाबाद अवध बस अड्डे पर हजारों की संख्या मे लोग जुटे, मुलाकात जनसभा मे तब्दील हो गई। अखिलेश यादव ने जुटे लोगों का जोश देख सभा को सम्बोधित किया। उन्होंने अपने स्वागत के लिए लोगों का आभार व्यक्त किया।
नरेन्द्र वर्मा ने अखिलेश यादव को बताया कि इसौली में 132 केवीए का टिकैतगंज कुर्सी, बाराबंकी में 132 केवीए का बिजलीघर आपकी समाजवादी सरकार में ही लगे थे। महमूदाबाद में अंडरग्राउंड कैबलिंग भी की गई थी। 30 बेड का महिला चिकित्सालय भी समाजवादी सरकार में ही बना।
अखिलेश यादव के स्वागत में स्वतः स्फूर्त भीड़ आई हुई थी। उनका उत्साह देखते ही बनता था। जनपद बाराबंकी में कुर्सी क्षेत्र में यादव मिष्ठान्न भण्डार और प्रिंटिंग प्रेस पर अखिलेश यादव का बिना कार्यक्रम रोककर स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं के आग्रह पर अखिलेश यादव भी दुकान तक गए। यादव मिष्ठान्न के मालिक राजेन्द्र प्रसाद यादव ने चाय नाश्ता कराया।
विधान परिषद सदस्य राजेश यादव ‘राजू‘ ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का जोरदार स्वागत किया। लखनऊ के रास्ते पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों, नौजवान मे भी अखिलेश यादव को लेकर जबर्दस्त उत्साह, का शानदार स्वागत हुआ।
इस यात्रा से यह तो स्पष्ट हैं कि सत्ता मे न होने के बावजूद जनसाधारण में अखिलेश यादव के प्रति गहरा विश्वास और सम्मान है। साथ ही निराश जनता को अब यह एहसास होने लगा है कि समाजवादी सरकार में ही जनहित के विकास कार्य हुए । सबसे खास बात यह है कि लोगों को शत प्रतिशत विश्वास है कि अखिलेश यादव की सत्ता फिर आयेगी और हमारी समस्याओं का जरूर निराकरण होंगा ।