नई दिल्ली, दूध, पनीर, मसाले, सूखे मेवे, तेल-घी जितनी भी खाद्य वस्तुएं गिनाई जाए सभी में मिलावट का कारोबार अपनी सीमा लांघ चुका है। मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान के तहत चिकित्सा विभाग की टीम ने हीदा की मोरी स्थित एक मकान में अवैध रूप से चल रहे घी के कारखाने पर कार्रवाई की। वहां नकली घी को असली का रूप दिया जा रहा था।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि उक्त कारखाना मोतीलाल अग्रवाल के मकान में चल रहा था। उसकी सूरजपोल अनाज मंडी में अग्रवाल ट्रेडर्स नाम से फर्म है। कारखाने में कृष्णा ब्रांड के नाम से नकली घी तैयार किया जा रहा था। एक रुपए का बटर फ्लेवर डालकर 400 रुपए किलो में बेचने के लिए उसे देसी घी का रूप दिया जा रहा था। मौके पर 50 किलो नकली घी, 300 किलो रिफाइंड तेल सहित बटर फ्लेवर मिला।
टीम ने सैम्पल लेकर कारखाना सीज कर दिया। कार्रवाई के दौरान सिकंदरा, दौसा और टोंक की पर्चियां मिली हैं। ऐसे में आशंका है कि नकली की घी सप्लाइ इन इलाकों में सर्वाधिक की जा रही थी। इस बारे में कृष्णा ब्रांड के प्रतिनिधि को भी सूचना दी गई है। वहीं, मोतीलाल अग्रवाल पर सोमवार को कॉपीराइट उल्लंघन संबंधी कार्रवाई भी की जाएगी।
चिकित्सा विभाग की टीम ने झालाना डूंगरी पर बाईजी की कोठी स्थित शर्मा पनीर उद्योग पर कार्रवाई कर 800 किलो बदबूदार पनीर नष्ट कराने की कार्रवाई की थी। टीम में शामिल खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार प्रारंभिक जांच में पनीर में मिलावट की पुष्टि हुई थी। टीम ने यहां निरीक्षण किया। उस समय पिकअप गाड़ी से पनीर उतारा जा रहा था। यह पनीर दो डीप फ्रीज और 4 आयरन बॉक्स में था। राज्य नोडल अधिकारी सुनील सिंह ने बताया कि पनीर अलवर के बड़ौदा मेव से यहां लाया गया था। पनीर में से बदबू आ रही थी। जांच के लिए दो नमूने लेकर पूरे पनीर को नष्ट करवा दिया गया है।