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उचित भाव न मिलने पर, किसानों ने सड़कों पर फेंके आलू, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

नई दिल्ली, देश भर मे आलू किसानों की स्थिति बहुत खराब है। किसानों को अपनी आलू की उपज का सब्जी मंडी में उचित भाव न मिलने के कारण, उन्होने अब अपना आलू सड़कों पर फेंक कर, मोदी सरकार के खिलाफ जगह- जगह अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

हरियाणा के हिसार जिले के घिराय गांव के किसानों ने अपनी आलू की उपज का सब्जी मंडी में उचित भाव न मिलने पर रोष स्वरूप आज हांसी.बरवाला रोड पर सैंकड़ों क्विंटल आलू फेंक दिये जिससे वहां वाहनों की लम्बी कतारें लग गई और यातायात जाम हो गया।

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किसानों में इस बात को लेकर भारी नाराजगी है कि हजारों रुपए प्रति एकड़ खर्च कर बड़ी मेहनत से आलू की बम्पर फसल पैदा की लेकिन अब उसी आलू का मंडी में भाव मुश्किल से दो रुपए प्रति किलो मिल रहा है।
किसानों ने सड़क पर लगभग दो किलोमीटर तक आलू बिखेर दिये तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया।

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 प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि आलू की खेती के लिये पहले तो 30.35 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से खेत पट्टे पर लिए और फिर आलू की खेती पर 30 से 35 हजार रुपए प्रति एकड़ खर्च किए। अब जब फसल तैयार हो जाने पर इसे मंडी में लेकर गए तो दो रुपए किलो में भी कोई खरीदने को तैयार नहीं हुआ।

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 ऐसे में मजबूर होकर किसानों को अपना आलू सड़क पर फेंकने के लिये मजबूर होना पड़ा ताकि उनकी आवाज सरकार तक पहुंच सके और आलू के उचित दाम निर्धारित किए जा सकें।

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