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राज्यपाल गुरमीत सिंह के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ विस का बजट सत्र

देहरादून,  उत्तराखण्ड विधानसभा का वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया।

इस मौके पर गुरमीत सिंह ने राज्य सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “विकसित भारत” के संकल्प में “विकसित उत्तराखण्ड” परिकल्पना नहीं, विश्वास है, संकल्प है।”

राज्यपाल ने कहा, “हमारा युवा प्रदेश, समृद्ध उत्तराखण्ड एवं सशक्त उत्तराखण्ड की ओर तेजी से अग्रसर है। देवभूमि उत्तराखण्ड ने विगत वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की। इन उपलब्धियों के प्रतिफलस्वरूप हमारा प्रदेश “सशक्त उत्तराखण्ड” के लक्ष्य को प्राप्त करेगा तथा प्रदेश की मातृशक्ति, युवा शक्ति और पूर्व सैनिकों की अहम भागीदारी से हमारा प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में खड़ा होगा।”

गुरमीत सिंह ने कहा कि हमारी सरकार अपनी विरासत में प्राप्त संस्कृति के साथ विकसित और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण के लिये कृत संकल्पित होकर कार्य कर रही है। विगत वर्ष आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय, महिला कल्याण, अवस्थापना संरचना की दृष्टि से स्वर्णिम वर्ष रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में सशक्त उत्तराखण्ड की अवधारणा के आधार पर राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमारी सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 में कई नये आयाम स्थापित किये गये।

राज्यपाल सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि उत्तराखण्ड विधानसभा ने संविधान निर्माताओं की भावनाओं के अनुरूप, समान नागरिक के स्वप्न को धरातल में उतारने और उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने वाले ‘समान नागरिक संहिता’ विधेयक को मंजूरी देकर उत्तराखण्ड को देश का पहला राज्य बना दिया है, जिसमें ‘समान नागरिक संहिता’ के अन्तर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लायी गयी है।

गुरमीत सिंह ने कहा कि सभी धर्म-समुदायों की महिलाओं को विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, संपत्ति में समान अधिकार देते हुये सशक्त बनाया गया है। साथ ही सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिये पुत्र-पुत्री को संपत्ति में समान अधिकार दिये जाने जैसे कई प्राविधान किये गये हैं। उन्होंने कहा कि गृह विभाग द्वारा महिलाओं की शिकायत आसानी से दर्ज किये जाने हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर पर व्हाट्सएप नंबर जारी किया गया है। साथ ही थाना स्तर पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान किये जाने एवं उनको हर संभव सहायता प्रदान करने के लिये प्रत्येक थाने में ‘महिला डेस्क’ स्थापित है।

राज्यपाल ने कहा कि पुलिस कार्मिकों को निगरानी, आपदा राहत कार्य, यातायात प्रबन्धन, मैपिंग, पेलोड डिलीवरी, ई-चालान, एनाउंसमेन्ट, लाइव ट्रैकिंग इत्यादि कार्यों हेतु ड्रोन परिचालन एवं प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि कैदियों में उद्यम शीलता विकसित किये जाने एवं उन्हें प्रशिक्षित कर स्व-रोजगार प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित किये जाने के उद्देश्य से ‘जेल विकास बोर्ड’ का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि होमगार्ड विभाग के अन्तर्गत पाईप बैण्ड “मस्का बाजा” में विभागीय महिलाओं की भागीदारी से बैण्ड का संचालन किया जा रहा है।

गुरमीत सिंह ने अपने अभिभाषण में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जी-20 सम्मेलन की राज्य में हुई तीन सफल बैठकों, राज्य ने प्रथम बार गृह एवं सहकारिता मंत्री, केन्द्र सरकार की अध्यक्षता एवं मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड की उपाध्यक्षता में नरेन्द्र नगर, टिहरी गढ़वाल में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 24वीं बैठक के सफल आयोजन का भी जिक्र किया। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा राज्य स्थापना दिवस के सुअवसर पर तीन महानुभावों को “उत्तराखण्ड गौरव सम्मान पुरस्कार’ से सम्मानित किए जाने की भी सराहना की। इसके अलावा, उन्होंने विकसित राज्य की ओर अग्रसर उत्तराखण्ड के निर्माण में सभी विधानसभा सदस्यों एवं जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम के सभी जनप्रतिनिधियों विशेष रूप से राज्य आन्दोलनकारी तथा आमजन, जिन्होंने प्रदेश की प्रगति में अहम योगदान दिया है। सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया।”