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अंतिम चरण के मतदान से ठीक पहले, अखिलेश यादव ने चुनाव को दिया नया मोड़

लखनऊ,  यूपी विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान कल पूर्वांचल के 9 जिलों की 54 सीटों पर होना है। इस चरण की सबसे खास बात यह है कि यूपी विधानसभा चुनाव के दोनों प्रमुख गठबंधनों के प्रमुख नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसदीय क्षेत्र वाराणसी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ सातवें चरण के चुनाव में शामिल है। इसलिये दोनों प्रमुख नेताओं की प्रतिष्ठा भी सातवें चरण के चुनाव से जुड़ी हुई है।

ऐसा कहा जाता है कि पूर्वांचल का चुनाव पूरी तरह जातीयता पर आधारित होता है और यहां पर ओबीसी और दलित मतदाता महत्वपूर्ण हैं। यह मतदाता संख्या के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं ही, इसी के साथ प्रत्येक सीट पर किसी भी प्रत्याशी की हार और जीत ओबीसी और दलित मतदाता ही तय करते हैं। लेकिन पूर्वांचल में इस बार सबसे खास ट्रेन्ड जो पिछले 4 दिनों में दिखाई पड़ा है वह चौंकाने वाला है। और इस ट्रेन को बदलने का श्रेय अखिलेश यादव को जाता है। सातवां चरण आते आते अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के एमवाई समीकरण को बदल कर रख दिया है एम का मतलब मुस्लिम और वाई का मतलब यादव और जिसे समाजवादी पार्टी की जीत के लिए बड़ा महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन एमवाई फैक्टर से आगे बढ़कर, अखिलेश यादव ने ये ( Y E) फैक्टर दिया है। Y E का मतलब है वाई से यूथ यानि युवा और E से एंप्लॉयमेंट यानी  रोजगार और यह दोनों ही पिछले 4 दिनों के अंदर बड़े प्रभावशाली तरीके से नजर आए हैं।

वाराणसी में जब प्रधानमंत्री मोदी का रोड शो समाप्त हुआ और उसके तुरंत बाद अखिलेश यादव का रोड शो शुरू हुआ तो जो युवाओं की भीड़ और जोश अखिलेश यादव के रोड शो में दिखाई पड़ा उससे यह स्पष्ट हो गया कि युवा पूरी तरह समाजवादी गठबंधन के साथ हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो रोड शो और प्रचार के हीरो माने जाते हैं उनका रोड शो अखिलेश यादव के रोड शो के आगे फीका पड़ गया। वहीं एंप्लॉयमेंट यानि रोजगार का प्रभाव हमें आज प्रयागराज में नजर आया जब  प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं का हुजूम ट्रेन पकड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पर उमड़ा कल होने वाले मतदान के लिए युवा अपने-अपने जिलों में ट्रेन पकड़कर प्रयागराज से जाते हुए दिखाई पड़े। वे रेलवे स्टेशन पर अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। इससे यह स्पष्ट हो गया कि यहां जातीयता का कोई मतलब नहीं है जाति और धर्म से ऊपर उठकर रोजगार का मुद्दा हावी है और अगर यह ट्रेन्ड कल के मतदान में नजर आया तो निश्चित रूप से मानिये कि चुनाव के परिणाम चमत्कारिक होंगे।

अखिलेश यादव ने वायरल हो रहे वीडियो को ट्वीट करते हुये कहा है कि-