कई और स्थानों पर मंदिर -मस्जिद विवाद शुरू करवाने की तैयारी, विवादित मस्जिदों की सूची पेश
March 1, 2018
लखनऊ, मंदिर -मस्जिद विवाद से मिले सियासी फायदे के कारण, अब इस विवाद को अयोध्या से भी आगे खींचने की सियासती बिसात बिछाने का काम शुरू हो गया है. इसकी शुरूआत पहले से ही विवादों के घेरे मे रहे शिया सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखकर की है.
वसीम रिजवी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखकर गुजारिश की है कि हिन्दू समाज के मंदिरों को तोड़कर बनायी गयी सभी मस्जिदों को हिन्दू समाज को वापस किया जाना चाहिए. पत्र के साथ उन्होने उन मस्जिदों की सूची भी पेश की है.
पत्र मे वसीम रिजवी ने लिखा है कि जैसा कि आप इतिहास से अवगत हैं कि मुगल बादशाहों ने और उनसे पहले हिन्दुस्तान आए सुल्तानों ने हिन्दुस्तान को लूटा, यहां हुकूमत की और मंदिरों को तोड़ा. कुछ मंदिरों को तोड़कर वहां मस्जिदें बनवा दी जिसका इतिहास गवाह है.
इस्लाम के उद्देश्यों से आप अच्छी तरह से अवगत हैं कि किसी भी गसबी (कब्जाई) हुई जगह पर अगर किसी इबादतगाह को जबरन तोड़कर मस्जिद बनाया जाना शरअन जायज नहीं है और ऐसी मस्जिदों में किसी भी तरह की कोई अल्लाह की इबादत जायज नहीं है.
इतिहासकारों का अध्ययन करके मेरे द्वारा निम्नलिखित मस्जिदों के संबंध में आपको अवगत कराया जा रहा है. जोकि मुगलों द्वारा व उनसे पहले आए सुल्लानों द्वारा मंदिरों को तोड़कर बनवाई गई है.
राममंदिर, अयोध्या
– वर्ष 1528 में बाबर के सेनापति मीर बाकी ने राम मंदिर और यहां पर बने पुराने मंदिरों को तुड़वाकर मस्जिद का निर्माण कराया जिसका नाम बाद में बाबरी मस्जिद पड़ा.
केशव देव मंदिर, मथुरा
– इस मंदिर को औरंगजेब ने वर्ष 1670 ई में ध्वस्त किया था और यहां मस्जिद का निर्माण करावा दिया.
अटाला देव मंदिर, जौनपुर
– वर्ष 1377 ई में फिरोज शाह तुगलक द्वारा हिन्दुओं के मंदिर अटाला देव को तुड़वाकर अटाला मस्जिद का निर्माण कराया गया.
काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
– मुगल बादशाह औरंगजेब ने वर्ष 1669 में यहां के काशी विश्वनाथ मंदिर को तुड़वाकर एक मस्जिद का निर्माण कराया जो ज्ञानमापी मस्जिद के नाम से जानी जाती है.
रूद्रा महालया मंदिर, गुजरात
– उक्त मंदिर को अलाउद्दीन खिलजी ने वर्ष 1410 में तुड़वाया और यहां पर एक मस्जिद का निर्माण कराया जो जामी मस्जिद के नाम से जानी जाती है.
भद्राकली मंदिर, अहदाबाद
– उक्त हिन्दू और जैन मंदिर को वर्ष 1552 में अहमदशाह ने तुड़वाकर एक सम्जिद का निर्माण कराया जिसे जामा मस्जिद के नाम से जाना जाता है.
वसीम रिजवी इससे पहले भी विवादित पत्र लिख चुकें हैं. इसी वर्ष 9 जनवरी, 2018 को वसीम रिजवी ने पीएम मोदी औऱ सीएम योगी को पत्र लिखा था कि कुछ आतंकवादी संगठन मदरसों को फंडिंग करते हैं. मदरसों में जो बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, वह सर्व समाज से दूर होकर कट्टरपंथ की तरफ बढ़ रहे हैं. ऐसे में मदरसों को खत्म करने की जरूरत है और उसकी जगह सामान्य शिक्षा नीति बनाई जाए.