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रेल हादसे रोकने के लिये, आईआईटी कानपुर ने शुरू किये नये प्रोजेक्ट्स

trainकानपुर,  पुखरायां व रूरा के भीषण रेल हादसों को देखते हुए आईआईटी कानपुर ने कई प्रोजेक्ट्सों पर काम करना शुरू कर दिया है। इन प्रोजेक्ट्स से टूटी पटरी, कोचों के पहियों में खराबी व सिग्नल आदि की खराबी की जानकारी हादसा होने से पहले ही चालक को हो जाएगी। आईआईटी कानपुर रेलवे में बढ़ रही घटनाओं को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी मिशन फॉर रेलवी सेफ्टी नामक प्रोजेक्ट्स पर काम करना शुरू कर दिया है।

एक ऐसी डिवाइस तैयार की जा रही है जो टूटी पटरी के पांच सौ मीटर पहले ही चालक को जानकारी दे देगी। इसी तरह दूसरी डिवाइस से कोचों के पहियों में होने वाली खराबियों को भी हादसा होने से पहले सूचना दे देगी। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के डाॅ. वेंकटेश व साफ्टवेयर इंजीनियर बीएम शुक्ला इसका रोडमैप तैयार कर लिया है। शुक्ला ने बताया कि यह प्रस्ताव रेलवे को भेजा जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलते ही प्रोजेक्ट्स पर अमलीजामा पहनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिवाइस तैयार करने में करीब एक साल का समय लगेगा और करीब पचास लाख की लागत आएगी। हालांकि यह पहली बार नहीं है इसके पहले भी आईआईटी रेल हादसों को रोकने के लिए कई प्रोजेक्ट्सों पर काम कर चुका है। जिनमें क्रासिंग पर स्वतः जानकारी वाली डिवाइस का तो उन्नाव के सोनिक क्रासिंग पर सफल परीक्षण भी हो चुका है।

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